सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत शंख
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शंख मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं- दक्षिणावर्ती, मध्यावर्ती और वामावर्ती। इनमें दक्षिणावर्ती शंख दाईं तरफ से खुलता है, मध्यावर्ती बीच से और वामावर्ती बाईं तरफ से खुलता है। मध्यावर्ती शंख बहुत ही कम मिलते हैं। शास्त्रों में इसे अति चमत्कारिक बताया गया है।
इन तीन प्रकार के शंखों के अलावा और भी अनेक प्रकार के शंख पाये जाते हैं, जैसे- लक्ष्मी शंख, गरुड़ शंख, मणिपुष्पक शंख, गोमुखी शंख, देव शंख, राक्षस शंख, विष्णु शंख, चक्र शंख, पौंड्र शंख, सुघोष शंख, शनि शंख, राहु एवं केतु शंख। शंख किसी भी दिन घर में लाकर पूजा स्थल में रखा जा सकता है।
लेकिन शुभ मुहूर्त विशेष तौर पर होली, रामनवमी, जन्माष्टमी, दुर्गापूजा, दीपावली के दिन अथवा रवि पुष्य योग या गुरु पुष्य योग में इसे पूजा स्थल में रखकर इसकी धूप-दीप से पूजा की जाये घर में वास्तु दोष का प्रभाव कम होता है। शंख में गाय का दूध रखकर इसका छिड़काव घर में किया जाये तो इससे भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। (समाप्त)