झारखंड में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले चरण के लिए तेजी से नामांकन का काम चल रहा है। सरकार इस बार ओबीसी आरक्षण के प्रावधान के बगैर पंचायत चुनाव करा रही है। राज्य के ओबीसी लगातार पंचायतों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। पहले यह मामला विधानसभा में उठाया गया। फिर इस मामले पर न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायागया।
आजसू सांसद ने दायर की है याचिका
आजसू के गिरिडीह सांसद सीपी चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। सांसद का कहना है कि राज्य के ओबीसी के साथ सरकार ज्यादती कर रही है। उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से जरूर न्याय मिलेगा। पंचायतों में ओबीसी को आरक्षण के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आयेगा।
राज्य की पंचायतों में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने विधानसभा में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि ट्रिपल टेस्ट करा कर ओबीसी को आरक्षण देने में होनेवाली देरी हो रही थी। इसे देखते हुए सरकार फिलहाल बिना आरक्षण के पंचायत चुनाव करायेगी।
सीएम ने सदन में साफ किया था कि 2021 से पंचायत चुनाव लंबित है। कोरोना के कारण चुनाव नहीं हो पाये, इससे 700-800 करोड़ का नुकसान हो गया है।
उन्होंने कहा कि ट्रिपल टेस्ट के लिए कमेटी बनेगी। बिना ट्रिपल टेस्ट के ओड़िशा, तमिलनाडु व बंगाल में चुनाव कराये गये है। आजसू विधायक डॉ लंबोदर महतो ने मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के तहत ट्रिपल टेस्ट कराकर चुनाव कराने का आग्रह किया था। इस पर सीएम ने कहा था कि चुनाव नहीं हो रहा था, तो विपक्ष चुनाव की मांग कर रहा था। ओबीसी को आरक्षण मिले, मेरी भी चिंता है।