प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की अपनी यात्रा से पहले रविवार को कहा कि उनका यूरोप का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब यह क्षेत्र कई चुनौतियों एवं विकल्पों का सामना कर रहा है तथा वह भारत के यूरोपीय साझेदारों के साथ सहयोग की भावना को मजबूत करना चाहते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को इस साल के अपने पहले विदेश दौरे पर बर्लिन पहुंच चुके हैं. बर्लिन पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ये दौरा भारत-जर्मनी की दोस्ती को मजबूत करेगा. पीएमओ ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है. प्रधानमंत्री मोदी का बर्लिन में प्रवासी भारतीयों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. आपको बता दें कि यूक्रेन संकट के बीच हो रहे इस दौरे में मोदी तीन दिन में तीन यूरोपीय देशों जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा कर रहे हैं. यूक्रेन संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के तटस्थ रुख और रूस के खिलाफ यूरोपीय देशों की एकजुटता को देखते हुए यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी भारत का पक्ष स्पष्ट करेंगे
माना जा रहा है कि अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी भारत का पक्ष स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे. अपने दौरे में वे 25 महत्वपूर्ण मीटिंग करेंगे. सात देशों के आठ बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी अपने इस तीन दिन के दौरे में तीनों देशों में 65 घंटे बितायेंगे. इस दौरान आठ वैश्विक नेताओं के साथ होने वाली उनकी बैठकों में कुछ द्विपक्षीय होंगी, तो कुछ में एक साथ कई नेता मौजूद रहेंगे.
50 ग्लोबल बिजनेस लीडर्स के साथ मुलाकात
इन्हीं बैठकों के बीच में उनकी 50 ग्लोबल बिजनेस लीडर्स के साथ मुलाकात का भी समय निकाला गया है, जिसमें वे लोगों को देश में निवेश करने के लिए प्रेरित करेंगे. अपने दौरे में प्रधानमंत्री सबसे पहले दो मई को जर्मनी पहुंचे, जहां वे रात में ठहरेंगे. इसके बाद वे तीन मई को डेनमार्क जायेंगे, जहां रात्रिविश्राम करेंगे. पीएम की वापसी चार मई को होगी. वापसी में वह फ्रांस पहुंचेंगे, जहां पेरिस में उनकी मुलाकात फ्रांसीसी नेताओं व बिजनेस कम्युनिटी के साथ होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस में रहने वाले हजारों भारतीयों के साथ मुलाकात भी करेंगे.